Literature Prizes of HARYANA
1.साहित्यकारों का अभिनन्दन
हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा प्रदेश की रचनाधर्मिता को अलंकृत करने के लिए प्रति वर्ष साहित्यकार सम्मान योजना कार्यान्वित की जा रही है। इस योजना के अन्तर्गत निम्नलिखित सम्मानों से साहित्यकारों को सम्मानित किया जाता है।
पुरस्कार | पुरस्कार राशि |
1.आजीवन साहित्य साधना सम्मान | 5.00 लाख रुपये |
2. पं. माधवप्रसाद मिश्र सम्मान | 2.50 लाख रुपये |
3. महाकवि सूरदास सम्मान (हिन्दी/हरियाणवी) | 1.50 लाख रुपये |
4. बाबू बालमुकुन्द गुप्त सम्मान (हिन्दी साहित्य) | 1.00 लाख रुपये |
5. लाला देशबन्धु गुप्त सम्मान | 1.00 लाख रुपये |
6. पं. लखमीचन्द सम्मान (हरियाणा की भाषा कला, संस्कृति,इतिहास, लोक साहित्य) | 1.00 लाख रुपये |
7. जनकवि मेहर सिंह सम्मान (हरियाणा की कला, संस्कृति, इतिहास व लोक साहित्य, हरियाणवी भाषा में विशेष योगदान) | 1.00 लाख रुपये |
8. हरियाणा गौरव सम्मान (हरियाणा में जन्मे ऐसे साहित्यकार जो हरियाणा से बाहर रहकर हरियाणा के नाम को गौरवान्वित कर रहे हों) | 1.00 लाख रुपये |
9. आदित्य-अल्हड़ हास्य सम्मान (राष्ट्रीय स्तर पर हिन्दी/हरियाणवी हास्य तथा व्यंग्य के क्षेत्र में श्रेष्ठ योगदान के लिए) | 1.00 लाख रुपये |
10. श्रेष्ठ महिला रचनाकार सम्मान | 1.00 लाख रुपये |
(यह सम्मान ऐसी हरियाणा अधिवासी
रचनाकार को दिया जायेगा जिसने
हिन्दी/हरियाणवी के साहित्य में
उल्लेखनीय योगदान दिया हो)
•सम्मानित किये जाने वाले प्रत्येक साहित्यकार को उक्त राशि के अतिरिक्त शाल, स्मृति चिह्न तथा प्रशस्ति-पत्र भेंट किए जाते हैं।
•आजीवन साहित्य साधना सम्मान राष्ट्रीय स्तर पर हिन्दी तथा हरियाणवी साहित्य के प्रति अतुलनीय योगदान के दृष्टिगत प्रदान किया जायेगा। इस योजना के अन्तर्गत सम्मानित विद्वान का हरियाणा अधिवासी होना अनिवार्य नहीं है। इस सम्मान की शेष नियमावली (क्रमांक 5, 6 व 8 को छोड़कर) पंडित माधव प्रसाद मिश्र सम्मान के समकक्ष होगी।
•पंडित माधव प्रसाद मिश्र सम्मान के लिए पात्रता सम्बन्धी नियमावली निम्नानुसार है :
1. आयु 65 वर्ष से कम न हो।
2. हिन्दी/हरियाणवी साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देते हुए निरन्तर रूप से सृजनरत हों। दोनों भाषाओं में रचना करने वाले साहित्यकार का वरीयता प्रदान की जाएगी।
3. साहित्यकार के रूप में राष्ट्रीय/अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान हो।
4. रचनाएं अन्य भाषाओं में अनूदित होती रही हों अथवा उन पर स्तरीय शोध कार्य हुए हों अथवा पाठ्यक्रम में सम्मिलित रही हों अथवा बहुचर्चित, प्रशंसित एवं विभिन्न संस्थाओं से पुरस्कृत हों।
5. सम्बंधित व्यक्ति जन्म से हरियाणवी हो व कम से कम गत 10 वर्ष से हरियाणा में रह रहा हो।
6. जिनका जन्म हरियाणा में न हुआ हो लेकिन कम से कम गत 25 वर्ष से हरियाणा में रहकर साहित्य सृजन कर रहे हों।
7. सम्बंधित साहित्यकार की पिछले दो वर्ष के दौरान कम से कम एक मौलिक सृजनात्मक पुस्तक अवश्य प्रकाशित होनी चाहिए।
8.लेखक का अकादमी के किसी एक सम्मान से सम्मानित होना आवश्यक है।
•महाकवि सूरदास सम्मान के लिए ऐसे हरियाणा अधिवासी साहित्यकारों के नामों पर विचार किया जायेगा जिन्होंने हिन्दी एवं हरियाणवी भाषा एवं साहित्य के प्रति उल्लेखनीय योगदान किया हो। इस सम्मान हेतु विचारार्थ लेखक की कम से कम सात मौलिक सृजनात्मक पुस्तकें प्रकाशित हों और एक पुस्तक अकादमी द्वारा पुरस्कृत भी हो। इस सम्मान हेतु जो लेखक हिन्दी एवं हरियाणवी दोनों भाषाओं से सक्रिय होगा उसे वरीयता दी जायेगी। महाकवि सूरदास सम्मान हेतु लेखक की पिछले दो वर्ष में कम से कम एक मौलिक सृजनात्मक पुस्तक प्रकाशित होनी अनिवार्य है। हिंदी एवं हरियाणवी में सम्मान योग्य साहित्यकार न मिलने की स्थिति में केवल हिन्दी में सक्रिय लेखन में उस लेखक को वरीयता मिलेगी जिसकी एक से अधिक विधाओं में पुस्तकें प्रकाशित हों तथा वह अकादमी के किसी एक सम्मान से सम्मानित हो।
•बाबू बालमुकुन्द गुप्त सम्मान (हिन्दी साहित्य) के लिए ऐसे हरियाणवी अधिवासी हिन्दी साहित्यकारों के नामों पर विचार किया जायेगा, जिन्होंने हिन्दी भाषा के साहित्य में उल्लेखनीय योगदान किया हो। इस पुरस्कार के लिये साहित्यकार के लेखन में निरंतरता होना आवश्यक है। लेखक की कम से कम पाँच मौलिक रचतात्मक पुस्तकें प्रकाशित होनी आवश्यक हैं। लेखक की अकादमी द्वारा कम से कम एक पुस्तक अवश्य पुरस्कृत होनी चाहिए।
•लाला देशबन्धु गुप्त सम्मान (साहित्यिक पत्रकारिता) के लिए ऐसे हरियाणा अधिवासी हिन्दी साहित्यकारों के नामों पर विचार किया जायेगा जिन्होंने साहित्यिक पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान किया हो। साहित्यिक पत्रकारिता में रत लेखक किसी समाचार पत्र या पत्रिका में सम्पादक अथवा उपसम्पादक हो या रहा हो अथवा साहित्यिक पत्रकारिता पर उसकी कम से कम दो पुस्तकें प्रकाशित हों और सम्मान हेतु लेखक के आकलन के समय उसका साहित्यिक पत्रकारिता में सक्रिय होना आवश्यक है। इस पुरस्कार के लिये साहित्यकार के लेखन में निरंतरता होना आवश्यक है।
•पं. लखमीचन्द सम्मान के लिए ऐसे विद्वानों के नामों पर विचार किया जायेगा, जिन्होंने हरियाणा की भाषा कला, संस्कृति और लोक साहित्य में उल्लेखनीय योगदान किया हो। इन विषयों में उनकी रचनाएं किसी भी भाषा में हो सकती हैं तथा वे भारत के किसी भी भू-भाग के अधिवासी हो सकते हैं। इस पुरस्कार के लिये साहित्यकार के लेखन में निरंतरता होना आवश्यक है। लेखक की कम से कम पाँच मौलिक रचनात्मक पुस्तकें प्रकाशित होनी आवश्यक हैं। लेखक की अकादमी द्वारा कम से कम एक पुस्तक अवश्य पुरस्कृत होनी चाहिए। हरियाणा अधिवासी न होने की स्थिति में पुस्तक पुरस्कार की शर्त लागू नहीं होगी।
•जनकवि मेहर सिंह सम्मान के लिए ऐसे विद्वानों के नामों पर विचार किया जायेगा, जिन्होंने हरियाणा की कला, संस्कृति, इतिहास व लोक साहित्य, हरियाणवी भाषा में विशेष उल्लेखनीय योगदान किया हो। इन विषयों में उनकी रचनाएं किसी भी भाषा में हो सकती हैं तथा वे भारत के किसी भी भू-भाग के अधिवासी हो सकते हैं। इस पुरस्कार के लिये साहित्यकार के लेखन में निरंतरता होना आवश्यक है। लेखक की कम से कम पाँच मौलिक रचनात्मक पुस्तकें प्रकाशित होनी आवश्यक हैं। लेखक की अकादमी द्वारा कम से कम एक पुस्तक अवश्य पुरस्कृत होनी चाहिए। हरियाणा अधिवासी न होने की स्थिति में पुस्तक पुरस्कार की शर्त लागू नहीं होगी।
•हरियाणा गौरव सम्मान के लिए ऐसे साहित्यकारों के नामों पर विचार किया जायेगा जो हरियाणा में जन्मा हो किन्तु हरियाणा से बाहर रहकर साहित्य के क्षेत्र में हरियाणा के नाम को गौरवान्वित कर रहा हो। इस पुरस्कार के लिये साहित्यकार के लेखन में निरंतरता होना आवश्यक है। लेखक की कम से कम पाँच मौलिक पुस्तकें प्रकाशित होनी आवश्यक हैं।
•आदित्य-अल्हड़ हास्य सम्मान के लिए ऐसे साहित्यकारों के नामों पर विचार किया जायेगा जिन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर हिन्दी/हरियाणवी हास्य तथा व्यंग्य के क्षेत्र में श्रेष्ठ योगदान किया हो। इस पुरस्कार के लिये साहित्यकार के लेखन में निरंतरता होना आवश्यक है। लेखक की कम से कम पाँच मौलिक पुस्तकें प्रकाशित होनी आवश्यक हैं। इसके अन्तर्गत हरियाणा अधिवासी की शर्त अनिवार्य नहीं है।
•श्रेष्ठ महिला रचनाकार सम्मान: यह सम्मान ऐसी हरियाणा अधिवासी रचनाकार को दिया जायेगा जिसने हिन्दी/हरियाणवी के साहित्य में उल्लेखनीय योगदान दिया हो। इस पुरस्कार के लिये साहित्यकार के लेखन में निरंतरता होना आवश्यक है। लेखिका की कम से कम पाँच मौलिक पुस्तकें प्रकाशित होनी आवश्यक हैं तथा उसकी अकादमी द्वारा कम से कम एक पुस्तक अवश्य पुरस्कृत होनी चाहि
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